ग्रेनाइट गर्व के बात लागत बा!

ग्रेनाइट एगो सुंदर प्राकृतिक पत्थर हवे जे कई सदियन से निर्माण आ वास्तुकला में मान्यता पा चुकल बा। एकर नाम ताकत आ विश्वसनीयता के प्रतीक बन गइल बा, बेकार में नइखे कि "ग्रेनाइट के रूप में कठोर" अभिव्यक्ति जनता के बीच सामने आइल। पूरा दुनिया में जानल जाए वाला एह प्राकृतिक पत्थर के इस्तेमाल हमेशा से भइल बा जहाँ शानदार रचना आ वास्तुकला के एन्सेम्बल के जरूरत रहे आ ग्रेनाइट से बनल कई गो प्राचीन स्मारक आजु ले बचल बाड़ें, लगभग बिना आपन मूल रूप गँववले।
मैग्मा के बिस्फोट आ पृथ्वी के पपड़ी के शून्यता में प्रवेश के कारण बिबिध किसिम के ग्रेनाइट - साइनाइट, डायोराइट, गैब्रो, लैब्राडोराइट, मोनोसाइट्स, टेस्केनाइट, ग्रेनाइट ग्नेइस आ अउरी कई किसिम के निर्माण भइल। पृथ्वी के परत सभ के दबाव में एकरे धीरे-धीरे ठंडा होखे के परिणाम के रूप में अइसन चट्टान सभ बन गइल बाड़ी जिनहन के क्रिस्टलीय संरचना स्पष्ट होले। दाना के आकार के अनुसार ग्रेनाइट के संरचना के महीन दाना वाला (2 मिमी तक ले), मध्यम दाना वाला (2 से 5 मिमी ले) आ मोट दाना वाला (5 मिमी से ढेर) में बाँटल जाला। दाना के आकार के सीधा असर पत्थर के बिसेसता पर पड़े ला: दाना जेतना महीन होला, चट्टान के ताकत आ मौसम के प्रतिरोध ओतने ढेर होला।
चट्टान के रंग - गुलाबी, लाल, धूसर, करिया - सीधे फेल्स्पार के रंग पर निर्भर करे ला आ ग्रेनाइट के बिसेस आकर्षण देवे वाली चमकदार चमक अभ्रक के सामिल कइला से बेसी कुछ ना हवे।

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September 19, 2024 19:30:25 +0300 GMT
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